Monday, January 31, 2011

Kabir Amrit Vani


बिन मांग मिले सो दुध सम,
मांग मिले सो पानी ।
वह रक्त समान जिसमें एचातानी ॥

- संत कबीर

चिटी चावल ले चली, बिच में मिल गइ दाल ॥
कहत कबीर दो ना मिले, एक ले, दुजी ठार ॥

- संत कबीर

(चावल = सफेद = शुद्ध ब्रह्म 
दाल  = रंगीन = संसार )

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